रामानंद सागर जी द्वारा निर्मित श्री कृष्णा धारावाहिक के तो भक्त तो आप होंगे ही। भक्ति रस से पूर्ण ये धारावाहिक करोड़ों दर्शकों की जान है। 90 के दशक में रामायण और महाभारत के साथ अगर कोई धारावाहिक सबसे ज्यादा प्रसिद्द हुआ तो वो है श्री कृष्णा। ये धारावाहिक सिर्फ उस समय ही नहीं बल्कि वर्तमान में भी सुपरहिट हैं। आज हम आपको श्री कृष्णा धारावाहिक के गायकों के बारे में बताएँगे की किस किस गायक ने कौन से गीत गाये हैं।
तो चलिए शुरुआत करते हैं सबसे पहले रविंद्र जैन जी के गायन से। रविंद्र जैन जी ने ना सिर्फ रामायण के गीतों को अमर किया अपितु श्री कृष्णा के गीतों को भी अमर किया। रामायण की तरह ही श्री कृष्णा में संगीत का जिम्मा रविंद्र जैन जी के पास ही था। रविंद्र जैन जी ने श्री कृष्णा में ना सिर्फ गाया है बल्कि गीतों को संगीतबद्ध किया और सारे गीतों को लिखा भी है। श्री कृष्णा धारावाहिक में उन्होंने सब से ज्यादा गीत गाये हैं। उनकी आवाज कानो में पड़ती है तो अंतरात्मा तृप्त हो जाती है। श्री कृष्णा धारावाहिक का शीर्षक गीत श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारे तो भजनो की लिस्ट में शीर्ष में आता है।
अब बात करते हैं सुरेश वाडकर जी की। सुरेश वाडकर जी ने रामायण, महाभारत के बाद श्री कृष्णा में भी अपनी जबरदस्त प्रस्तुति दी। हमने महाभारत के गायकों के वीडियो में उनके एक भजन का जिक्र किया था की मुझे वो भजन उनका बहुत पसंद है। वो भजन है मैया दिखा दे मुख लाल का। इसके अलावा उन्होंने रे मनवा प्रेम जगत का सार , ले सन्देश हमारो आदि।
रविंद्र जैन जी के गीतों में अगर हेमलता जी न हो तो फिर कुछ सही सा नहीं लगता। हेमलता जी ने भी रामायण धारावाहिक में बहुत से गीत गाये थे। उन्होंने श्री कृष्णा धारावाहिक में भी वही भक्ति की रसधारा बहाई। उनके गाये हुए गीतों में शामिल हैं जैसे ममता बावरी, आँगन से द्वारे द्वारे से गांव की गलियां में जी , नयन मोरे श्वेत श्याम रतनार आदि गीत।
अब बात करते हैं सुशील कुमार शील जी की। सुशील कुमार शील जी की आवाज बड़ी गजब है। उन्होंने जहाँ रामायण में शुरू से लेकर अंत तक गीत गाये। वही श्री कृष्णा धारावाहिक में भी शुरू से अंत तक बहुत से गीत गाये। जैसे विष्णु स्तुति महर्षि गर्ग जी के द्वारा , महाभारत के दौरान का गीत शपथ ले रहा है ये गांडीव धारी साथ ही और भी गीत।
एक ख़ास गायक मोहम्मद अज़ीज़ जो की हर दिल अज़ीज़ है। Md. अज़ीज़ जी ने रामायण में जहाँ दुखभरा गीत गाया था विरह व्यथा से व्यथित द्रवित मन तो वही रामायण में उन्होंने श्री कृष्ण के बचपन का ये गीत गाया था जो मन को भावविभोर कर देता है घुटरान चलत मेरो मन मोहन, हरी को मात सिखावे चलना आदि।
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