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गांधीजी सच ही कहते थे हिन्दू कायर हैं - Parul Jain

article on women safety

गांधीजी सच ही कहते थे हिन्दू कायर हैं.. हम मुग़ल और ब्रिटिशर्स के दमन से इतने प्रभावित हो गए हैं की शायद हमे सहने की आदत सी हो गई हैं और उसमे भी महिलाओं को। ...हम महिलाओं को हमेशा से ही से यह सिखाया गया हैं की औरत की खासियत ही उसकी सहनशीलता हैं और इसीलिए हम पुरषों की मनमानी सहते रहते हैं कभी प्यार के लिए कभी घर परिवार के लिए सिर्फ ये सोचकर की अगर हम थोड़ा सा झुक जायेंगे थोड़ा सेह लेंगे तो रिश्ते जुड़े रहेंगे। ... जोड़ने का मतलब कुछ टूटा हुआ है इसीलिए जोड़ने की जरुरत पड़ रही हैं और वो रिश्ते ही क्या जो जरा से हमारे ना सहने से टूट जाए और अगर टूटते हैं तो ऐसे रिश्तो का कोई महत्व नहीं....कल होली थी हम सब दोस्त मण्डली उसका आनंद ले रहे थे।

एक सखी को रंग से परहेज था और सबको बोल भी दिया गया था जो खेले उसके साथ खेलो जिसको ऐतराज हो उसको रंग मत लगाओ पर शायद कुछ लोगों को इतनी समझ नहीं होती और पुरुष प्रधान हमारी दुनिया में मर्दो को मना करने का मतलब उनकी EGO पर वार करना। .. खैर उस शख्स पे रंग डाल दिया गया और जो स्वाभाविक था वो गुस्सा हो गई। ... होली का रंग में भंग हो गया। .. बात बहुत छोटी सी है पर हम सब रंग लगते उसको देखते रहे और किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की न किसी पुरुष ने और ना ही वहाँ मौजूद महिलाओं ने। ...सोच वही। .... छोटी सी बात है... रंग नहीं लगवाने तो घर बैठो। ...तूल का ताड़ मत बनाओ यही छोटी छोटी बातें हमारे जेहन में बैठ जाती हैं और हमे कब STOP करना हैं हम भूल जाते हैं। . फिर ज़िन्दगी भर यही सुनते है क्या हुआ। ... एक थप्पड़ ही तो था । .. डांट ही तो थी । .. बच्चो या बाहर वालो के सामने थोड़ी सी बेइज़्ज़ती। .... क्या हुआ। ... थोड़ा बोल दिया तो। 

आदमी परेशान है कौन सी बड़ी बात हैं। .... RAPE कर दिया। ...हो गई न बड़ी बात। ... क्यों.... क्योंकि.थोड़ी-थोड़ी कुर्बानियां देते-देते औरत कब एक कठपुतली बन जाती है उसे खुद इस बात का एहसास नहीं होता हम छोटी छोटी सी बातों को नहीं रोकते और आदमी उसे अपना हक़ समझ लेता हैं। .... इसके लिए उसको कोई शर्मिंदगी या पछतावा नहीं होता। ... सोचो अगर वो छोटी छोटी बातों पे उन्हें समझाया जाता तो शायद हमे खुद के लिए या अपनी बेटियों के लिए डरे सहमे से नहीं होते। .... हमारी बहुएं आएँगी और बेटियां भी किसी और घर जाएंगी तो क्यों न हम शुरुआत अपने बेटों से करे। ... बेटों को समझाए औरत की इच्छा के बगैर रंग NAHI डाल सकते। .... NAHI मार सकते। NAHI सरे आम बेइज़्ज़ती कर सकते... NAHI RAPE कर सकते। .. NO MEANS NO


parul jain | paarul45@yahoo.in

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