नवीनतम

Post Top Ad

एक जरूरी बदलाव | Hindi Article

Ek Jaroori Badlav

कहते हैं ‘परिवर्तन ही संसार का नियम है‘ पर क्या कभी हमने ये सोचा कि ये परिवर्तन (बदलाव) किस चीज में होने चाहिए। अगर नही सोचा तो अब सोचना शुरू कर दीजिए। यहॉ मैं फैशन की दुनिया के बदलाव की बात नही कर रही हॅू और न ही किसी निजी की जिन्दगी की। ये बदलाव है हमारी सोच का जिस सोच से जुड़ा है हमारा समाज और इस समाज से हमारा देश।

पिंक - केवल एक कहानी नहीं है

कहने को तो हम, हमारी सोच, हमारा समाज और ये देश पूरी तरह बदल चुका हैं। पर वास्तव में हम आज भी अंधविश्व, पाखंड और रूढि़वादिता की कड़ी से जुड़े हैं। आज पूरे देश में धर्म के नाम पर दंगे होते हैं। कभी जाति के आधार पर, कभी आरक्षण को मुद्दा बनाकर धरना शुरू कर देते हैं। कभी हिन्दू-मुस्लिम तो कभी धार्मिक स्थलों को ही मुद्दा बनाकर जूझ पड़ते हैं। यहॉ मुद्दा बस इतना है कि यदि हम मानते हैं कि बदलाव जरूरी है, तो ये बदलाव किन चीजों में होना चाहिए पहले ये सोचना भी जरूरी है। इसका एक मात्र उपाय ये है हम सभी का एक ही धर्म होना चाहिए- मानवता का। हिन्दू हो या मस्लिम, बाह्मण हो या शुद्र क्या फर्क पड़ता है सब के भीतर जब एक ही रक्त बहता है। मनुष्य की पहचान उसके कर्मो से होती है। स्वयं की पहचान के लिए नाम जरूरी होता है, नाम के पीछे लगे जाति भेद जैसे शब्द  का हटा देना ही बेहतर है। जब ये शब्द हमारे नाम के पीछे से हटा दिये जाएगा तो धार्मिक दंगे एवं आरक्षण के मुद्दे अपने आप ही खत्म हो जायेंगे। और रही बात सही गलत की तो प्रत्येक मनुष्य जानता है कि सही क्या है और गलत क्या, अब कोई इसे जानकर भी नकार दे तो वो अलग बात है।

पिंक - केवल एक कहानी नहीं है

एक भारतीय नागरिक होने के कारण और इस कुरीती से भरे समाज की सदस्य होने के नाते मुझे इस बदलाव की जरूरत महसूस होती है। मेरी नजर में ये बदलाव होने चाहिए। यदि आपके के पास कोई सुझाव है तो आप भी इसकी चर्चा जरूर कीजिए। क्या पता हमारी इस पहल से एक नए व सुसभ्य समाज का निर्माण हो सके और वह समाज उत्कृष्ट कोटि के समाज का निमार्ण कर सके। फिर एक बार हमारा देश जगतगुरू बन जायेगा।

---------------------------------------------------
      
Pooja Dwivedi

Writer- Pooja Dwivedi
Facebook- N/A
Email- pooja.happy012@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Popular Posts